Wednesday, March 29, 2023
Home उत्तराखंड उत्तराखण्ड की संस्कृति- "उत्तराखंड का सबसे बड़ा पर्व : घुघुतिया यानि उत्तरायणी (मकर संक्रांति) "

उत्तराखण्ड की संस्कृति- “उत्तराखंड का सबसे बड़ा पर्व : घुघुतिया यानि उत्तरायणी (मकर संक्रांति) “

शेष भारत के समान ही उत्तराखण्ड में पूरे वर्षभर उत्सव मनाए जाते हैं। भारत के प्रमुख उत्सवों जैसे दीपावली, होली, दशहरा इत्यादि के अतिरिक्त यहाँ के कुछ स्थानीय त्योहार हैं:-
मेले
  • देवीधुरा मेला (चम्पावत)
  • पूर्णागिरि मेला (चम्पावत)
  • नंदा देवी मेला (अल्मोड़ा)
  • उत्तरायणी मेला (बागेश्वर)
  • गौचर मेला (चमोली)
  • वैशाखी (उत्तरकाशी)
  • माघ मेला (उत्तरकाशी)
  • विशु मेला (जौनसार बावर)
  • गंगा दशहरा (नौला, अल्मोड़ा)
  • नंदा देवी राज जात यात्रा जो हर बारहवें वर्ष होती है
  • ऐतिहासिक सोमनाथ मेला (माँसी, अल्मोड़ा)
संक्रान्तियाँ
  • फूल संक्रांति यानि फूलदेई (कुमांऊँ)
  • हरेला (कुमाऊँ)
  • उत्तायणी की संक्रॉन्ति यानि घुघुतिया (कुमांऊँ)
  • घीं संक्रांति (कुमांऊँ व गढ़वाल )

घुघुतिया

उत्तायणी की संक्रॉन्ति यानि घुघुतिया (कुमांऊँ)

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में मकर संक्रांति को ‘घुघुतिया’ के तौर पर धूमधाम से मनाया जाता है। एक दिन पहले आटे को गुड़ मिले पानी में गूंथा जाता है। देवनागरी लिपी के ‘चार’, ढाल-तलवार और डमरू सरीखे कई तरह की कलाकृतियां बनाकर पकवान बनाए जाते हैं। इन सब सबको एक संतरे समेत माला में पिरोया जाता है। इसे पहनकर बच्चे अगले दिन घुघुतिया पर सुबह नहा-धोकर कौओं को खाने का न्योता देते हैं। बच्चे कुछ इस तरह कौओं को बुलाते हैं :-

काले कौआ काले, घुघुति मावा खा ले!
लै कावा भात, मि कैं दिजा सुनौक थात!!

लै कावा लगड़, मि कैं दिजा भै-बैणियों दगौड़।
लै कावा बौड़, , मि कैं दिजा सुनुक घ्वड़!!

घुघुतिया

अलग-अलग दिन होता पर्व

बागेश्वर के सरयू नदी के पार और वार एक दिन आगे-पीछे इसे मनाने की प्राचीन परंपरा है। सरयू पार यानी दानपुर की तरफ के लोग पौष मास के आखिरी दिन घुघुत तैयार करते हैं और इसके अगले दिन कौओं को बुलाते हैं। सरयू वार यानी कौसानी-अल्मोड़ा के लोग माघ मास की संक्रांति यानी एक दिन बाद पकवान तैयार करते हैं। इसके अगले दिन घरों के बच्चे ‘काले कौआ-काले कौआ’ कहकर पर्व मनाते हैं। जानकार बताते हैं कि कुमाऊं में प्राचीन समय की राज व्यवस्था की वजह से यह एक दिन का अंतर देखने को मिलता है।

मेला

लगता है ऐतिहासिक मेला

कुमाऊं में उत्तरायणी के दिन सरयू, रामगंगा, काली, गोरी और गार्गी (गौला) आदि नदियों में कड़ाके की सर्दी के बावजूद लोग सुबह स्नान-ध्यान कर सूर्य का अर्घ्य चढ़ाकर आराधना करते हैं। उत्तरैणी कौतिक का सबसे बड़ा मेला बागेश्वर के सरयू बगड़ (मैदान) पर लगता है। एक समय यहां हुड़के की थाप पर झोड़े चांचरी, भगनौल और छपेली गाने की परंपरा थी। काली कुमाऊं, मुक्तेश्वर, रीठागाड़, सोमेश्वर और कत्यूर घाटी के डांगर और गितार इस तरह समां बांध देते थे, जिससे सुबह होने का पता ही नहीं लगता था। अब समय की बदलती बयार प्रफेशनल कलाकर मंच पर तीन दिन तक सांस्कृतिक प्रोग्राम करते हैं।

घुघुति

पर्व को लेकर प्रचलित कथा

चंद शासन काल की बात बताते हैं। राजा कल्याण चंद की संतान नहीं हुई। वह बागेश्वर में भगवान बाघनाथ के दरबार में गए। इससे पुत्र हो गया, जिसका नाम निर्भय चंद रखा गया। मां प्यार से घुघुति कहती थी। इसे मोती की माला पसंद थी। घुघुति रोता तो मां कहती, ‘काले कौआ काले, घुघुति की माला खाले’। घुघुति चुप हो जाता था। इससे कौआ बच्चे को पहचानने लगा। कुछ समय बाद राजा के मंत्री ने राज्य हड़पने की नीयत से निर्भय का अपहरण कर लिया। कौआ पीछा करते हुए घुघुति की माला ले गया, जिसके जरिए सैनिक उस तक पहुंच गए। मंत्री को फांसी दी गई। जनता से पकवान बनाकर कौओं को खिलाने के लिए कहा गया।

घुघुति

उत्तरैणी को हुआ आंदोलन

ब्रिटिश काल में गांव के लोगों को सरकार की मुफ्त में सेवा करनी पड़ती थी। बारी-बारी से अंग्रेजों अफसरों के लिए काम करना होता था। ‘घुघुतिया’ के दिन ही 14 जनवरी 1921 को बागेश्वर के सरयू-गोमती के संगम पर कुली बेगार के हजारों रजिस्टर बहाकर इस कुप्रथा को खत्म कर दिया गया। सरयू बगड़ में करीब 40 हजार लोगों की मौजूदगी में जब अंग्रेज अफसर ने पंडित बद्री दत्त पांडे को हिरासत में लेने की धमकी दी तो उन्होंने कहा कि अब तो यहां से मेरी लाश ही जाएगी। अंग्रेज अफसर पीछे हट गया। इस जनगीत के जरिए कुमाऊं के लोगों में आंदोलन की चिंगारी सुलगाई गई:-

मुलुक कुमाऊं का सुण लिया यार, झन दिया कुली बेगार
चहि पड़ी जा डंडै की मार, जेल हुणि लै होवौ तय्यार।।

तीन दिन ख्वै बेर मिल आना चार, आंखा दिखूनी फिर जमादार।
घर कुड़ि बांजि छोड़ि करि सब कार, हांकि लिजाझा माल गुजार।।

घुघुतिया

RELATED ARTICLES

बद्रीनाथ-केदारनाथ में विशेष दर्शन के लिए अब वीआईपी को देने होंगे 300 रुपये, कपाट खुलने के साथ ही शुरू की जाएगी व्यवस्था

देहरादून: बद्रीनाथ-केदारनाथ में विशेष दर्शन के लिए अब वीआईपी को 300 रुपये देने होंगे। कपाट खुलने के साथ ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।...

बद्रीनाथ हाईवे किनारे जगह-जगह लगे मलबे के ढेर, निस्तारण के लिए नहीं मिल पा रही जगह

गोपेश्वर: बद्रीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना कार्य से निकले मलबे के निस्तारण के लिए एनएचआईडीसीएल को जगह नहीं मिल पा रही है। स्थिति...

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिए ये निर्देश

देहरादून: आगामी चार धाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म किया जाए। देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले सभी श्रद्धालुओं को...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

सबसे लोकप्रिय

बद्रीनाथ-केदारनाथ में विशेष दर्शन के लिए अब वीआईपी को देने होंगे 300 रुपये, कपाट खुलने के साथ ही शुरू की जाएगी व्यवस्था

देहरादून: बद्रीनाथ-केदारनाथ में विशेष दर्शन के लिए अब वीआईपी को 300 रुपये देने होंगे। कपाट खुलने के साथ ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी।...

सलमान खान के किसी का भाई किसी की जान का प्लॉट हुआ लीक, ऐसी होगी फिल्म

सलमान खान की फिल्म किसी का भाई किसी की जान काफी समय से चर्चा में है। सलमान के प्रशंसक इस फिल्म का बेसब्री से...

रमजान पर महंगाई से पाकिस्तान की जनता बेहाल, केले 500 रुपए तो अंगूर 1600 रुपए किलो बिक रहे

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आर्थिक तंगी का असर अब रमजान में भी देखने को मिल रही है। बता दें कि पाकिस्तान में महंगाई रिकॉर्ड स्तर...

बद्रीनाथ हाईवे किनारे जगह-जगह लगे मलबे के ढेर, निस्तारण के लिए नहीं मिल पा रही जगह

गोपेश्वर: बद्रीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना कार्य से निकले मलबे के निस्तारण के लिए एनएचआईडीसीएल को जगह नहीं मिल पा रही है। स्थिति...

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिए ये निर्देश

देहरादून: आगामी चार धाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म किया जाए। देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले सभी श्रद्धालुओं को...

G-20 Summit: जी-20 सम्मेलन को लेकर कार्बेट पार्क में अतिथियों की सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम

रामनगर: जी-20 सम्मेलन को लेकर कार्बेट पार्क में सफारी के लिए अतिथियों की सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम हैं। सफारी में अतिथियों के साथ केवल...

Uttarakhand News: सोमेश्वर-अल्मोड़ा मोटरमार्ग पर खाई में गिरी आल्टाे कार, मौके पर ही हुई चालक की मौत

अल्मोड़ा: सोमेश्वर-अल्मोड़ा मोटरमार्ग में आल्टाे कार नदी के पास खाई में जा गिरी। दुर्घटना में वाहन सवार व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो...

देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य सीमा तय करने पर विचार करेगा मंत्रिमंडल

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के मूल्य की सीमा तय करने पर विचार करेगा। इस कदम का मकसद सीएनजी...

ऋषिकेश एम्स में प्रदेश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा का पायलट प्रोजेक्ट 18 अप्रैल को हो सकता है शुरु

ऋषिकेश: एम्स में प्रदेश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा का पायलट प्रोजेक्ट 18 अप्रैल को शुरू हो सकता है। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस टीम...

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे निमार्ण कार्यों का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया जायजा

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के तहत उत्तराखण्ड में चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने डाटकाली के निकट...