दिल का दौरा( रोगलक्षण, कारण, नियंत्रण, रोकथाम)- व्यक्ति इसे रोक सकता है

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दिल का दौरा- व्यक्ति इसे रोक सकता है

क्या आप जानते हैं कि :

दिल का दौरा पूरे विश्व में लोगो का प्रमुख हत्यारा है भारत जैसे विकासशील देशों में दिल के दौरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है इसका जीता जागता उदाहरण चारधाम यात्रा में आयें तीर्थयात्री की मृत्यु के आकलन हमे बता रहे हैं की यह की कितनी गंभीर समस्या बनती जा रही है प्रत्येक 10 में से लगभग 5 मरीजों की मृत्यु दिल के दौरों से होती है इनमे से अधिकांश कि मृत्यु, उन तक चिकित्सा सहातया पहुंचने से पहले, एक घंटे के अंदर हो जाती है ऐसा अनुमान लगाया गया है कि केवल भारत में ही प्रतिवर्ष कम से कम 30 लाख लोगो की मृत्यु हृदय रोगो से होती है

दिल का दौरा क्या है?

ठीक ढंग से काम करने के लिए, हृदय की मांशपेशियों को आक्सीजन और अनिवार्य पोशक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है जो इसे हृदय के बाहरी हिस्से पर स्थित हृद-धमनी के मुख्य भाग कोरोनरी आर्टरी द्वारा सप्लाई किए जाते हैतीन बड़े कोरोनरी आर्टरीज होती हैं जिनमें से प्रत्येक की बहुत सी छोटी-छोटी शाखाएं होती हैं जानवरों की चर्बियों, तेलों, अंडे की पीले भाग और अनेक भोजनों में पाए जाने वाले कोलेस्ट्रोल के जमा होने के कारण यह आर्टरीज संकुचित हो जाती हैं यदि कोरोनरी आर्टरीज में से एक आर्टरी कोलेस्ट्रोल के कारण पूरी तरह बंद हो जाती है तो हृदय की मांशपेशी के एक भाग को रक्त की सप्लाई नहीं मिलती और वह भाग आक्सीजन से वंचित रह जाता है तथा यह भाग मृत हो जाता है इससे दिल का दौरा पद जाता है

चेतावनी के रोगलक्षण

सीने में दर्द: दिल का दौरे का दर्द आमतौर पर बहुत तेज होता है और सीने के मध्य में होता है और यह दर्द बाईं बाजू, बाएं जबड़े या दाएं बाजू और यहां तक कि अधिजठर (epigastric) या पीठ में भी फैल सकता है यह दर्द 15 से 30 मिनट तक रह सकता है कभी-कभी, दर्द बिल्कुल नहीं होता और सीने में बेचैनी के दबाव की अनुभूति होती है कभी-कभी गैस या पेट फूलने की अनुभूति होती है

चिन्ता:

  • मृत्यु के सन्निकट होने का दर
  • पसीना आना
  • उबकाई या उल्टी
  • साँसे लेने में कठिनाई
  • असामान्य वाट या गैस की समस्या
  • मूच्छी और बेहोशी आना

दिल का दौरा किस कारण से पड़ता है ?

उच्च रक्तचाप

उच्च रक्तचाप, हृदय पर और शरीर के अन्य अंगों का रक्त सप्लाई करने वाली आर्टरीज पर अतिरिक्त दबाव डालता है। हृदय को, आर्टरीज में जमाव द्वारा होने वाले बड़े हुये प्रतिरोध के विरुद्ध काम करना पड़ता है। अधिकांश लोगो को उच्च रक्तचाप की जानकारी नहीं होती क्योंकि इसमें कोई असामान्य रोगलक्षण नहीं होते। 

उच्च कोलेस्ट्रोल

रक्त में कोलेस्ट्रोल के उच्च स्तर वाले व्यक्तियों को हृदय रोग होने कि संभावना अधिक रहती है रक्त में कोलेस्ट्रोल का उच्च स्तर उन लोगो में देखा जाता है जो वसा वाला भोजन जैसे मीट, मक्खन, घी, क्रीम, और क्रीम के उत्पाद खाते हैं

धूम्रपान 

सिगरेट या बीड़ी से कुछ घटक हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर, श्वसनी (bronchus) और पेरीफेरल आर्टीरियल रोग ( पि ए डी) हो सकते हैं धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में, दिल के दौरों के कारण होने वाली मृत्यु की दर अधिक है धूम्रपान की आदत वाले व्यक्तियों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है

मधुमेह मेलीटस

मधुमेह वाले व्यक्तियों को हृदय रोग का खतरा अधिक होता है गंभीर मधुमेह के रोगियों को कम आयु में दिल का दौरा पड़ता है, विशेष रूप से महिलाओं को कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग दिन के अधिकांश समय में बैठकर काम करते हैं जैसे क्लर्क, अधिकारी, ड्राईवर, आदि को उन लोगों कि अपेक्षा अधिक दिल के दौरे अधिक पड़ते है जिनके व्यवसाय में शारीरिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है जैसे किसान, मजदूर, कंडक्टर आदि नियमित शारीरिक व्यायाम हृदय रोगो का खतरा कम कर देता है और व्यक्ति को स्वस्थ रखता है हम लोगों को प्रतिदिन शारीरिक व्यायाम को अपनी दिनचर्या में रखना ही चाहिए

मोटापा

कोरोनरी आर्टरी रोग या आघात होने के लिए मोटापा, खतरे के कारकों में से एक है साथ में उच्च रक्तचाप होने से यह खतरा और बढ़ जाता है। वसा वाले भोजन, बहुत अधिक शर्करा या मदिरा का इस्तेमाल न करके नियमित शारीरिक व्यायाम करके इस खतरे से बचा जा सकता है।

दबाव और मानसिक तनाव 

दबाव, मानसिक तनाव और हृदय रोग में गहरा संबंध है। जो लोग बहुत अधिक चिंता करते हैं और जो लोग हमेशा जल्दी में रहते हैं, उन्हे उन लोगों कीअपेक्षा अधिक उच्च रक्तचाप और दिल के दौरे पड़ते हैं, जो आराम से जीवन बिताने वाले और निश्चिंत रहते हैं। हम लोगो को कभी भी दबाव, मानसिक तनाव नहीं लेना चाहिए एक ही जीवन मिलता है खुशी-खुशी व्यतीत करना चाहिए। दबाव, मानसिक तनाव से कभी भी कोई हल नहीं निकलता परंतु लेने से हृदय रोगी जरूर बना देता है। 

आयु

दिल के दौरे आमतौर पर 50-55 साल की आयु के लोगो को पड़ते हैं परंतु दिल का दौरा 30-35 साल की आयु में भी पढ़ सकता है हालांकि यह असामान्य है।

पुरुष-महिला

90 प्रतिशत दिल के दौरे पुरुषों केपी पड़ते हैं। महिलाओं को दिल के दौरे का खतरा उस समय बढ़ जाता है। जब वे बूढ़ी हो जाती हैं।

तुरंत नियंत्रण

  • व्यक्ति को आराम से लेटा दें उस व्यक्ति को स्वयं कुछ नहीं करना चाहिए क्योंकि काम करने से हृदय को और अधिक क्षति पहुंच सकती है
  • यदि व्यक्ति सांस नहीं ले पा है तो उसका सिर ऊपर उठाने के लिए कुछ तकियों का इस्तेमाल करें
  • उसके कपड़े ढीले कर दें और व्यक्ति को आश्वस्त करें।
  • यह सुनिश्चित करें कि व्यक्ति होश में है या बेहोश।
  • यदि बेहोश है तो व्यक्ति को यथाशीघ्र अस्पताल ले जाएं।

रोकथाम

व्यक्ति दिल के दौरे के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है यदि वह निम्नलिखित  पाँच स्वर्ण नियमों का पालन करें :-

  1. संतुलित खुराक लें, संतृप्त फैट जैसे घी, मक्खन, आदि आदिक मात्रा में खाने और अधिक फैट वाले अन्य भोजन खाने से बचें।
  2. धूम्रपान से बचें।
  3. नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करें।
  4. दबाव और तनाव से बचें।
  5. नियमित रूप से चिकित्सा जांच कराएं।