भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक अध्ययन ने एक प्रमुख वैश्विक जोखिम परिदृश्य या “ब्लैक स्वान (Black Swan)” घटना के मामले में भारत से 100 बिलियन डॉलर (7,80,000 करोड़ ) की पूंजी के बहिर्वाह की संभावना के बारे में बात की है। आरबीआई (RBI) की हाल के एक रिपोर्ट की बात करें जहाँ उन्होने इंगित करते हुए आगाह किया है। भारत के बाजार में ही नहीं दुनिया में ब्लैक स्वान इवैंट आने वाली है। आरबीआई (RBI) ने सूचित करते हुए कहा है संभव है बाज़ार से 100 बिलियन डॉलर (7,80,000 करोड़ ) तक निकाल लिया जाए।
28 सालों में पहली बार फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ अमेरिका ने ब्याज दर में 0.7% की वृद्धि कर दी है जिसकी वजह से वहाँ के लोकल बैंकों ने भी ब्याज दर में वृद्धि की है।
दुनिया में “ब्लैक स्वान इवैंट” आने वाला है। आरबीआई ने कहा है कि मार्केट से 100 बिलियन डॉलर निकाल लिया जाए। क्या है इसका मतलब??
हमारे देश के अंदर जितना भी शेयर मार्केट या फिर जितने भी प्रकार का इंवेस्टमेंट है जैसे की फ़ॉरेन पोर्टफोलियो, फ़ॉरेन इन्स्टीट्यूस्नल इंवेस्टमेंट। विदेशी कंपनी द्वारा किया गया पैसों का निवेश 100 बिलियन डॉलर (7,80,000 करोड़ ) तक मार्केट से निकाला जा सकता है। 100 बिलियन डॉलर जो की भारत की जीडीपी (GDP) का लगभग 3.5% के आस पास है। यदि ऐसा हुआ तो भारत की जीडीपी (GDP) इतनी गिर जाएगी और प्रक्षेपण है की शॉर्ट टर्म इंवेस्टमेंट (short term investment) 200 बिलियन डॉलर निकाल लिए गए तो भारत की जीडीपी (GDP) 7% से ज्यादा सिकुड़ जाएगी।
नस्सिम निकोलस तालेब ( Nassim Nicholas Taleb) द्वारा “ब्लैक स्वान (Black Swan)” नामक एक पुस्तक लिखी गयी थी। जो कि दूसरे विश्व के बाद अब तक कि 10 बेस्ट सेल्लर पुस्तक हैं उनमे से यह एक है। इस पुस्तक में यह नहीं बताया गया है कि “ब्लैक स्वान” होता क्या है? बल्कि यह बताया गया है कि उससे बचा कैसे जाना चाहिए।
आप कहेंगे क्या आर्थिक मंदी को “ब्लैक स्वान” कहा जा सकता है? जी हाँ आप “ब्लैक स्वान” को आर्थिक मंदी भी कह सकते है, जिसकी आपने कल्पना भी ना की हो। कोरोना काल, युद्ध (war) की वजह से आर्थिक मंदी को नस्सिम निकोलस तालेब “ब्लैक स्वान” नहीं कहा है क्योंकि यह प्रत्याशित है, आर्थिक मंदी होना स्वाभाविक है। कोरोना काल, युद्ध जैसी परिस्थिति के समय हम कल्पना कर सकते हैं इकॉनमी में गिरावट तो आएगी। आर्थिक स्थिति का कमजोर होना तो निश्चित ही है। जिसकी हम कल्पना कर सकते हैं। “ब्लैक स्वान” एक अप्रत्याशित घटना है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
दुनिया में 2008 में आर्थिक मंदी आ गयी थी वजह क्या थी? अमेरिका का एक बैंक जिसका नाम है लेहमेन एंड ब्रदर्स ( Lehman Brothers) का दिवालिया ( bankrupt) हो गया था, फ़ेल हो गया था। जिस समय लेहमेन एंड ब्रदर्स फ़ेल हुआ उस समय अमेरिका एक दम पीक में था। किसी कों भी अंदाज़ा नहीं था की अमेरिका के बैंक का दिवालिया हो सकता है। परिणाम यह हुआ कि दुनिया में आर्थिक मंदी आ गयी सिर्फ एक बैंक का दिवालिया होने से। दिवालिया होने कि वजह यह थी कि जितना लोन दिया गया था वो वापिस ही नहीं आया, तो न्बंक ने अपने हाथ खड़े कर दिये कि हमारे पास अब पेसा ही नहीं है देने को। ऐसी घटना जो अप्रत्याशित थी या जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
क्या होता है “ब्लैक स्वान”??
“ब्लैक स्वान (Black Swan)” का हिन्दी में मतलब होता है काला हंस। जब भी हमने हंस के बारे में सोचा या कहीं पिक्चर में देखा होगा तो सिर्फ सफ़ेद हंस ही देखा होगा। 16वीं – 17वीं शताब्दी तक यूरोपियन्स यह मानते थे कि काला हंस होता ही नहीं है वही नहीं पूरी दुनिया ऐसा मानती थी। लेकिन डच जो कि हौलण्ड के निवाशी हुआ करते थे वो एक बार ऑस्ट्रेलिया कि यात्रा पर गए 17वीं शताब्दी के आस पास तो उन्हें एक काले रंग का हंस दिखा। यह ऐसी घटना थी जिसकी उन्होनें कल्पना भी नहीं की थी।
ब्लैक स्वान एक दुर्लभ, अप्रत्याशित घटना है जो आश्चर्य के रूप में आती है। समाज और दुनिया पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। कहा जाता है कि इन घटनाओं में तीन विशेषताएँ हैं-
- अंत्यन्त दुर्लभ है।
- नियमित अपेक्षाओं के दायरे से बाहर हैं।
- हिट होने के बाद उनका गंभीर प्रभाव पड़ता है।