उत्तराखंड

केदारनाथ: एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू शुरू, 133 लोगों को निकाला जा चुका

केदार घाटी में सोमवार को मौसम साफ होने के साथ ही एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू शुरू हो गया है। एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार जा रहा है जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतारेगा। सुबह नौ बजे तक 133 लोगों को केदारनाथ से एमआई एवं चिनूक एव छोटे हेलिकॉप्टर की मदद से सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किए जा चुके हैं।

31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि से केदारनाथ मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 16 किमी का मार्ग है, इसमें 10 जगह मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग की टीम मार्ग को खोलने में जुटी है। लोनिवि की रिपोर्ट के अनुसार जो स्थितियां हैं उनमें मार्ग को पूर्व की दशा में लाने में करीब एक महीने का समय लग सकता है।

वहीं, सेना ने मोर्चा संभालते हुए मंदाकिनी नदी पर अस्थायी ट्राली स्थापित कर दी है। साथ ही वैकल्पिक पुल का निर्माण भी शुरू कर दिया है। गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के पास लगभग 15 मीटर लंबाई में रास्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां पर लोनिवि श्रमिक वैकल्पिक मार्ग स्थापित करने में जुटे हैं।

गौरीकुंड से छोड़ी तक मार्ग पर बोल्डर आने से कुछ जगह आंशिक और कुछ जगह काफी नुकसान हुआ है। छोड़ी से चीरबासा में मलबा आया है, चीरबासा के पास सड़क नष्ट हो गई है। भैरव मंदिर के पास छह मीटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। जंगल चट्टी में दो स्थान पर मार्ग पूरी तरह नष्ट हो गया है, यहां भी लोनिवि की टीम मार्ग को ठीक कर रही है। महादेव फॉल से भीमबली तक कुछ स्थान पर बोल्डर आने से आंशिक रूप से बाधित हुआ है।

भीमबली से रामबाड़ा तक मार्ग चार स्थान, रामबाड़ा से लिनचोली तक पांच स्थानों पर मार्ग पूरी तरह टूट गया है, दोनों जगह लोनिवि की टीम वैकल्पिक मार्ग बनाने में जुटी है। टीएफ प्वाइंट में भी मार्ग पूरी तरह टूट गया है। यहां पर 25 श्रमिक वैकल्पिक मार्ग बनाने में जुटे हैं। कुबेर ग्लेशियर में भी मार्ग लगभग पूरी तरह टूट गया है। यहां भी वैकल्पिक मार्ग बनाने को लेकर कार्य हो रहा है।

गौरीकुंड से सोनप्रयाग मार्ग को भी नुकसान पहुंचा है। इस मार्ग को ठीक करने की कोशिश में एनएच जुटा है। दूसरी तरफ मशीन पहुंचाने के लिए वैकल्पिक मार्ग समेत अन्य विकल्पों को भी देखा जा रहा है। लोनिवि ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें कहा गया है कि मार्ग को खोलने के लिए कई जगह कटिंग का काम हो गया है। पर जो फिलहाल स्थितियां हैं, उसमें एक अनुमान के हिसाब से पूर्व की दशा में मार्ग को लाने में एक महीने तक का समय लग सकता है।

सेना की टुकड़ी व्यवस्थाएं बनाने में जुटी

केदारघाटी में व्यवस्थाएं सुधारने को सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। रविवार को 6-ग्रेनिडियर यूनिट के सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना की एक टुकड़ी सोनप्रयाग पहुंंच गई। जिसने मंदाकिनी नदी पर अस्थायी ट्राली स्थापित करने के साथ ही वैकल्पिक पुल का निर्माण शुरू कर दिया है।

डॉग स्क्वॉड की मदद से सर्च अभियान शुरू

केदारनाथ पैदल मार्ग पर अब सेना ने भी सर्च अभियान शुरू कर दिया है। सेना की टीम डॉग स्क्वॉड की मदद से अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्र में बोल्डर, मलबा व जंगल में खोजबीन कर रही है। चर्चा थी कि अतिवृष्टि के दौरान कुछ लोग जंगल की तरफ भागे थे, आशंका है कि इनमें से कुछ रास्ता भटक गए।

अब तक 10374 को किया रेस्क्यू

अतिवृष्टि से प्रभावित विभिन्न स्थानों के साथ ही केदारनाथ से रविवार को 1275 यात्री व स्थानीय लोगों का पैदल और हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है। चार दिन में अब तक कुल 10374 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। रविवार को खराब मौसम के कारण सेना का एमआई-17 व चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। सोमवार को भी केदारनाथ से यात्रियों का रेस्क्यू किया जाएगा।

बादल फटने से मार्ग को काफी नुकसान पहुंचा है। मार्ग को खोलने के लिए लोनिवि की टीमें लगी हैं। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। सभी संभावित विकल्पों को भी देखा जा रहा है। – दीपक यादव, विभागाध्यक्ष लोनिवि

केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि से प्रभावित विभिन्न स्थानों के साथ ही केदारनाथ से कुल 1275 यात्री व स्थानीय लोगों का पैदल और हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है। चार दिन में अब तक कुल 10374 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। रविवार को खराब मौसम के कारण सेना का एमआई-17 व चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। सोमवार को भी केदारनाथ से यात्रियों का रेस्क्यू किया जाएगा।

रविवार को सुबह सात बजे से पैदल मार्ग के लिनचोली, भीमबली और केदारनाथ से यात्रियों और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया। बार-बार खराब होते मौसम के बीच प्रशासन द्वारा निजी हेली कंपनियों के हेलिकॉप्टर से केदारनाथ से 80 और लिनचोली से 560 यात्रियों का रेस्क्यू कर केदारघाटी के अलग-अलग हेलिपैड पर पहुंचाया गया।

इसके अलावा पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से 523 और केदारनाथ-खाम बुग्याल-चौमासी रास्ते से 112 यात्रियों काे सकुशल रेस्क्यू किया गया। इससे पूर्व खराब मौसम के चलते एमआई-17 हेलिकॉप्टर के चारधाम-गुप्तकाशी हेलिपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान नहीं भरने पर 350 यात्रियों को धाम से पैदल मार्ग से लिनचोली के लिए रवाना किया गया।

लिनचोली पहुंचने पर सभी यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार ने बताया कि अभी तक 10374 यात्री व स्थानीय लोगों का जो केदारनाथ व पैदल मार्ग पर फंसे हुए थे, सफल रेस्क्यू किया जा चुका है। पैदल मार्ग पर खोजबीन जारी है। साथ ही लोक निर्माण विभाग को पैदल मार्ग को जल्द दुरुस्त करने को कहा गया है, जिससे केदारनाथ की पैदल यात्रा का संचालन पुन: शुरू किया जा सके।

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