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प्रधानमंत्री मोदी ने टेक कंपनियों के सीईओ के साथ राउंडटेबल मीटिंग में लिया हिस्सा

न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के दूसरे दिन अमेरिक की दिग्गज टेक कंपनियों के सीईओ के साथ एक राउंडटेबल (गोलमेज) मीटिंग में हिस्सा लिया। इसी मीटिंग में पीएम मोदी ने भारत की विकास संभावनाओं पर जोर दिया और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही है।  राउंड टेबल बैठक में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल जब मैं वाशिंगटन आया था, तब मैं एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था, तब भी मुझे आपमे से कई साथियों से मिलने का मौका मिला था।

आज एक साल बाद यहां दुनिया के बड़े-बड़े इन्नोवेटर के साथ बैठक कर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि, मैं जो ऊर्जा और उत्साह देख रहा हूं और भारत के प्रति जो भरोसा देख रहा हूं। ये वाकई बहुत सुखद है, क्योंकि जब आप जैसे विशेषज्ञ बदलती हुई दुनिया और भारत की संभावनाओं के विषय में कोई बात बताते हैं, तब भारत में भी नीति-निर्धारण के विषय में हमारा विश्वास बढ़ जाता है। उन्होंने आगे कहा कि, 21वीं सदी प्रौद्योगिकी संचालित है। जीवन का शायद ही कोई क्षेत्र ऐसा है, जिसे प्रौद्योगिकी संचालित न करती हो। लेकिन ऐसे समय में सिर्फ प्रौद्योगिकी या प्रौद्योगिकी  + लोकतंत्र का एक संतुलन बहुत जरूरी है। क्योंकि लोकतांत्रिक मूल्य और तकनीकी का मिलना मानव कल्याण की गारंटी देता है।

उन्होंने कहा कि जब दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र तेजी से आगे बढ़ेगा  , तो वैश्विक शांति और समृद्धि का भी एक आश्वासन उससे प्राप्त होता है। प्रौद्योगिकी विकसित भारत की यात्रा का एक अहम स्तंभ है। इसलिए आज हमने भारत में तकनीकी सहयोग और निवेश के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं खड़ी की है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत तेजी से ग्लोबल बायो-टेक पॉवर हाउस के रूप में उभर रहा है। भारत में बायो-फार्मा रिसर्च को प्रमोट करने के लिए एक उपजाऊ पारिस्थितिकी तंत्र भी है। आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की विकासयात्रा में आप सभी को मैं एक सहयात्री और सह-भागीदार के रूप में हमेशा देखता हूं। मुझे विश्वास है कि भारत और अमेरिका की टेक कंपनियां मिलकर वैश्विक चुनौतियां के समाधान में अहम रोल निभाएगी।

उन्होंने कहा कि भारत उन पहले देशों में से एक है जिसने AI रणनीतियों पर काम किया है। मेरे लि ए, AI का मतलब है ‘अमेरिका-भारत’। यही वह शक्ति है जिसे हम मजबूत करना चाहते हैं। भारत ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाया है, जिससे विभाजन कम हुआ है। भारत AI के नैतिक उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि,  जैसे रीढ़ की हड्डी के बिना शरीर किसी काम का नहीं है। वैसे ही चिप के बिना तकनीक किसी मतलब की नहीं होती।

इसलिए हम इस क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं। मैं मानता हूं कि दुनिया में यह काम काफी पहले सक ही शुरू हो चुका है। हम इस मामले में थोड़ा देरी से शुरू कर रहे हैं। हालांकि, हमारी ताकत है कि हम जब भी शुरू करते हैं, पूरी रफ्तार से शुरू करते हैं। जैसे- 5जी तकनीक में हम काफी पीछे थे, लेकिन अब हम सबसे आगे हैं। इसलिए सेमीकंडक्टर को लेकर भारत गंभीर है। हम इसमें जल्द से जल्द टारगेट पूरा करेंगे। इसके लिए हमारा मंत्र रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म है।

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