मॉस्को: भारत में रूस के नए राजदूत डेनिस एलिपोव ने कहा है कि लद्दाख मसले को लेकर रूस की भारत और चीन के बीच मध्यस्थता करने की कोई योजना नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा है कि अगर ऐसी इच्छा दोनों पक्षों द्वारा व्यक्त की जाती है, तो निश्चित रूप से, हम इस पर सबसे अधिक सावधानी से विचार करेंगे।
एलिपोव ने कहा है कि दोनों पक्ष अपने बीच क्षेत्रीय विवाद को विशुद्ध रूप से द्विपक्षीय मामले के रूप में देखते हैं तो ऐसे में मध्यस्थता की कोई बात नहीं है। हम हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द इस मसले को राजनयिक तरीकों से सुलझा लेंगे।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर करीब दो साल से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। दोनों देशों के बीच अब तक 14 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। हालांकि, बातचीत के बाद कई बिंदुओं पर मनमुटाव हुआ है। 14 दौर की सैन्य वार्ता के दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द कमांडर स्तर की बैठक आयोजित करने पर सहमति जताई थी।