उत्तराखंड

धामी मंत्रिमंडल में विभिन्न 14 विषयों पर लगी मुहर, पढ़े पूरी खबर

देहरादूनः उत्तराखंड मंत्रिमंडल की सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 14 विषयों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री के सचिव, शैलेश बगौली ने कैबिनेट के निर्णयों की संवाददाताओं को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार और राजकीय मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ में सौ-सौ एमबीबीएस प्रशिक्षु क्षमता के संचालन हेतु आवश्यक पदों के सृजन के संबंध में निर्णय लिया गया है।

राजकीय मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ को आगामी शैक्षणिक सत्र हेतु अनिवार्यता प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने की कार्रवाई गतिमान है। अत: एनएमसी से एमबीबीएस कक्षाएं संचालित किए जाने हेतु अनुमति प्राप्त किए जाने के संबंध में उक्त नयीन रवीकृत मेडिकल कॉलेज के त्वरित संचालन, अन्य व्यवस्थाओं एवं पर्यवेक्षण आदि किए जाने हेतु ढांचा सृजित किया गया है। बगौली ने बताया कि कैबिनेट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत, राजकीय हाईस्कूल एवं राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों के लम्बे अवकाश की स्थिति में छात्रहित में अस्थाई शिक्षकों को प्रतिवादन की दर से मानदेय पर कार्ययोजित किए जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया है। इसके अन्तर्गत, निर्धारित शैक्षिक एवं प्रशिक्षण अहर्ता रखने वाले अभ्यथी को मैरिट के आधार पर सहायक अध्यापक एलटी. के विषयों हेतु 200 रुपए (दो सौ) एवं प्रवक्त्ता के विषय हेतु 250 (दो सौ पचास) प्रतिवादन की दर से मानदेय पर शिक्षण कार्य हेतु तात्कालिक/नितान्त अस्थायी व्यवस्था पर सम्बन्धित खंड शिक्षा अधिकारी से अनुमोदनोपरान्त कार्ययोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के समय से तैनात आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की तदर्थ सेवाओं को अर्हकारी सेवा के रूप में आगणित करते हुए पेंशन एवं सेवानिवृत्तिक लाभ अनुमन्य करवाए जाने के सम्बन्ध में भी फैसला कर दिया है। इससे समुचित कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

कैबिनेट ने राज्य में लेखपत्रों (डीड) के निबंधन (रजिस्ट्रेशन) प्रक्रिया में वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पंजीकरण की कार्रवाई में कार्यान्वयन किये जाने के सम्बन्ध में भी निर्णय लिया है। वर्तमान में राज्य में लेखपत्रों के निबंधन में पक्षकारों को अभी कार्यालय में उपस्थित हो कर, बयान दर्ज करवाने के पश्चात निबंधन कराना पड़ता है। वर्चुअल रजिस्ट्रेशन होने से पक्षकार अपने ही स्थान से लेखपत्र को तैयार कर ऑनलाइन लिंक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकेंगे। उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना के सम्बन्ध में भी कैबिनेट ने निर्णय किया। उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में ऐसे विद्यालय का चयन किया जाएगा, जिसके 15 किमी. की परिधि में अधिक से अधिक राजकीय हाईस्कूल एवं राजकीय इण्टर कॉलेज संचालित हों। इन विद्यालयों में निकटवर्ती क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों हेतु स्थानीय स्तर पर ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। उक्त योजना प्रदेश हित में लागू किए जाने का निर्णय मा. मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया है।

सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने ग्रामीण निर्माण विभाग के तहत, ‘मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना’ प्रारम्भ किये जाने के सम्बन्ध में भी फैसला किया है। इस योजना के दूरगामी सकारात्मक प्रभाव होंगे, जिससे सीमान्त क्षेत्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के फलस्वरूप पर्यटन, आजीविका बढ़ोत्तरी से स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे तथा आकस्मिकता/आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों में भी आसानी होगी। इसके अलावा, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के अंतर्गत, उत्तराखंड उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली, 2004 के नियम 27 के उपनियम (1) एवं (2) में संशोधन का निर्णय किया है। इसी तरह, उत्तराखंड न्यायिक सेवा नियमावली, 2005 में ‘सिविल न्यायाधीश’ एवं ‘वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश’ के पदनाम में संशोधन करने की स्वीकृति दी है।

नागरिक उड्डयन विभाग के अंतर्गत, राज्य सरकार के सशक्त उत्तराखंड मिशन में, राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से सुरम्य गंतव्य स्थानों तक पहुंच, आपातकालीन चिकित्सा और आपदा सेवाओं में आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य में हैलीपैड एवं हैलीपोर्ट की अपार संभावनाओं को देखते हुए, उत्तराखंड सरकार के अंतर्गत उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा या प्राधिकरण), जो कि राज्य में नागरिक उड्डयन अवसंरचना एवं पारिस्थतिकी के विकास हेतु प्रमुख निकाय है, द्वारा ‘उत्तराखंड हैलीपैड एवं हैलीपोर्ट नीति 2023′ (या नीति) प्रस्तावित की है। इस नीति में दो विकल्प प्रस्तावित किए गए हैं। दोनों ही विकल्पों पर आवेदक/भू-स्वामी हेतु प्रस्तावित नीति में निर्धारित सभी मानकों/शर्तों तथा हैलीपैड हेतु न्यूनतम 1000 वर्ग मी. समतल भूमि क्षेत्र (3030 मी.) एवं मू-क्षेत्र तथा हैलीपोर्ट हेतु न्यूनतम 4,000 वर्ग मीटर समतल भूमि क्षेत्र (प्रत्येक तरफ लगभग 50 मीटर) या जैसा प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट की जाएं, को पूरा किया जाना होगा।

राजस्व विभाग (अनुभाग-2) में गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, गढ़वाल इकाई श्रीनगर को ग्राम गुगली, पट्टी चौरास, तह. कीर्तिनगर, जनपद टिहरी गढ़वाल में स:शुल्क आवंटित भूमि के नजराने में छूट प्रदान किए जाने के सम्बन्ध में भी निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने उत्तराखंड सूचना प्रौद्योगिकी (परिवहन विभाग में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड दाखिल, सृजित एवं जारी करने का यूजर चार्ज) (संशोधन) नियमावली, 2023 के सम्बन्ध में भी निर्णय किया है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में ‘नन्दा देवी कन्याधन योजना-हमारी कन्या हमारा अभिमान’ योजनान्तर्गत वंचित लाभार्थियों को लाभान्वित किए जाने के संबंध में भी निर्णय किया गया है।

इसके अलावा, कैबिनेट ने औद्योगिक विकास (खनन) विभाग में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के संरचनात्मक ढांचे के पुनर्गठन के सम्बन्ध मैं भी निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत, विभागीय आवश्यकताओं की पूर्ति एवं राजस्व वृद्धि को बढ़ाए जाने के निमित्त मानव संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता हेतु भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के पूर्व से सृजित 19 अनुपयोगी पदों को समाप्त करते हुए विभागीय ढांचे को पुनर्गठित कर 62 अतिरिक्त पद सृजित किए जाने के सम्बन्ध में फैसला किया है।

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